U 19 World Cup 2020 : कभी मां नहीं चाहती थी कि सुशांत मिश्रा खेले क्रिकेट, फिर किट उठाकर पहुंचाती थी स्टेडियम

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बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले हैं सुशांत मिश्रा

बिहार के दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड का तुमौल गांव के रहने वाले हैं, लेकिन वह परिवार के साथ रांची में रहते हैं. पिता समीर मिश्रा बताते हैं कि सुशांत का बचपन से ही क्रिकेट के प्रति काफी रुझान था. गौरतलब कि सुशांत ने 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और वह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं. सुशांत मिश्रा की इस उपलब्धि से दरभंगा जिला के अलीनगर विधानसभा के तुमौल गांव में काफी खुशी का माहौल बना हुआ है.

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अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल में सुशांत ने घातक गेंदबाजी की थी 

भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा रोमांच से भरा होता है. अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल में दोनों देश आमने-सामने थे. भारत ने पाकिस्तान को 10 विकेट से हराया. पहले गेंदबाजी करते हुए भारत ने पाकिस्तान को महज 172 रनों पर ढेर कर दिया. इस मैच में सुशांत मिश्रा ने घातक गेंदबाजी करते हुए तीन पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. इस वर्ल्ड कप में सुशांत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.

सुशांत मिश्रा यूं तो झारखंड की राजधानी रांची से खेलकर इस मुकाम तक पहुंचे हैं, लेकिन उनका पैत्रिक गांव बिहार के दरभंगा जिला का तुमौल है. सुशांत के इस प्रदर्शन से आज उनके पिता समीर कुमार मिश्रा मां ममता मिश्रा, सहित दादा कृष्णादेव मिश्र सहित परिवार के सभी सदस्य काफी खुश हैं.

 

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सुशांत के क्रिकेटर बनने में पिता का है अहम योगदान

एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए यह निर्णय लेना काफी कठिन होता है कि पढ़ाई और खेल में से बेटे के लिए किसे प्राथमिकता दी जाए. सुशांत मिश्रा के परिवार के सामने भी कुछ समय के लिए ऐसी स्थिति बनी रही. घर के बाकी सदस्यों की इच्छा थी कि सुशांत पढ़ाई पर ध्यान दे, लेकिन समीर मिश्रा की इच्छा थी कि उनका बेटा क्रिकेट खेले. उन्होंने बचपन से उसके खेल को पहचान लिया था. सुशांत की मां की भी इच्छा थी कि उनका बेटा क्रिकेट छोड़ पढ़ाई पर ही ज्यादा ध्यान दे. सुशांत के पिता ने न सिर्फ अपनी पत्नी ममता मिश्रा को इसके लिए राजी किया, बल्कि घर के बाकी सदस्यों को भी मनाया. यहीं से सुशांत मिश्रा के क्रिकेट करियर की शुरुआत होती है.

 

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सुशांत के प्रैक्टिस के वक्त स्टेडियम में घंटों बैठी रहती थी मां

बचपन में बेटे को प्रैक्टिस कराने वाले पिता ने न सिर्फ सुशांत को रांची में कोचिंग दिलाई, बल्कि मां ममता मिश्रा भी अपने मासूम का किट बैग लिए उसे स्टेडियम लेकर जाती थीं. सुशांत शाम के वक्त अपने कोच शशिकांत पाठक की क्लास में घंटों प्रैक्टिस किया करते थे. इस दौरान उनका मां वहीं बैठकर उसके प्रैक्टिस खत्म होने का इंतजार करती थीं.

 

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मैच के दौरान सुशांत ने दिखाई खेल भावना

सेमीफाइनल के दौरान पाकिस्तानी गेंदबाज हैदर अली अच्छी लय में नजर आए. पारी के चौथे ओवर की तीसरी गेंद पर उनको बॉल तेजी से बाएं कंधे में लग गई. उस समय भारत की ओर से तेज गेंदबाज सुशांत मिश्रा गेंदबाजी कर रहे थे. सुशांत की बाउंसर गेंद हैदर के बाएं कंधे पर लगी और वो जमीन पर ही गिर पड़े. इसके बाद सुशांत तुरंत हैदर के पास पहुंचे और उनके कंधे पर हाथ रखकर उनका हालचाल पूछा. सुशांत के इस खेल भावना के प्रदर्शन से पिता समीर मिश्रा ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि सुशांत को हमने सभी से सद्भाव बनाए रखने का ही संस्कार दिए हैं.

 

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