अमेरिका की सबसे ऊंची पर्वत माउंट एकांकगुआ पर फतह करने वाली बिहार की बेटी मिताली प्रसाद शनिवार को पटना एयरपोर्ट पहुंची.
बचपन से ही पर्वतारोही बनने का सपना देखने वाली बिहार की बेटी मिताली प्रसाद ने अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा कर कीर्तिमान स्थापित किया है. अपने गांव में ही एक पहाड़ को देख कर मिताली के मन में पर्वतारोही बनने का सपना जागा था.
खास बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस वक्त वह अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहरा रही थी उस वक्त ऐसा लग रहा था कि पूरी दुनिया अपनी मुट्ठी में है. उन्होंने कहा कि बचपन से ही पर्वतारोही बनने का सपना था.
गांव के ही एक पहाड़ को देखकर पर्वतारोही बनने का इच्छा जगी थी. इसके बाद लगातार प्रयास करती रही और आज अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा कर लौटी है.
मिताली प्रसाद नालंदा जिले के कतरी सराय प्रखंड के मायापुर गांव की रहने वाली है. मिताली ने कहा कि सपना पूरा करने की राह में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लोगों से कर्ज लेकर अपना मुकाम हासिल कर चुकी मिताली कहती हैं कि अगर मोदी सरकार स्पॉन्सर बनने को तैयार हो तो वह हिमालय की चोटी पर भी तिरंगा लहराने के लिए तैयार हैं. देखना यह होगा कि सरकार मिताली को किस तरह से मदद पहुंचा कर देश के मान और सम्मान को आगे बढ़ाती है.
कैसे इस बेटी ने सीधे चोटी पर पहुंच फहराया तिरंगा
अमेरिका की सबसे ऊंची माउंट अकोंकागुआ की चोटी पर फतह करना था. लगभग 100 मीटर की स्पीड से हवा मुझसे बात कर रही थी. न कोई साथी, न कोई गाइड, सब कुछ खुद ही करना था. कभी लगता था कि वापस लौट जाउं. फिर लगा कि अगर लौट गई तो लोगों की उम्मीदें टूट जाएगी.
उसके बाद मैंने खुद को मोटिवेट किया. यहां तक पहुंचने के लिए जो संघर्ष पूरे परिवार ने किया, वो बात जेहन में आते ही मैंने आगे बढ़ना शुरू किया. पूरा चेहरा झुलस चुका था. फ्रॉस्ट बाइट के कारण उंगली काम नहीं कर रही थी. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे मंजिल करीब आ रही थी मेरी हिम्मत जबाव देने लगी. इसके बाद किसी तरह मैंने बैग खोला जिसमें तिरंगा रखा था. तिरंगा को देखते ही पता नहीं कहां से एनर्जी आई. मैं सीधे चोटी पर पहुंची और तिरंगा फहरा दिया.
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आपके लिए जगह नहीं है कह कर लौटाया था अखबार वालों ने,
मिताली ने बताया कि 2018 में एक अखबार के दफ्तार गई थी। मैंने बोला कि सर मैं पर्वतारोही हूं. इसके बाद मैंने 2015 से लेकर उस वक्त की सारी अचीवमेंट बताई. जवाब मिला कि आपकी तरह सैकड़ों लोग है. पहले कुछ बन जाइए फिर छापेंगे. हालांकि मुझे बुरा नहीं लगा. बाद में जब पिछले साल मार्च में अफ्रिका महादेश की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो (तंजानिया) पर तिरंगा फहराया तो उसी अखबार ने प्रथम पृष्ठ पर जगह दी.
मोटिवेशनल स्पीकर बनना चाहती हूं
मिताली ने कहा कि उनका इरादा आगे चलकर मोटिवेशनल स्पीकर बनना है. ताकि वह युवा पीढ़ी को प्रेरित करे. वह हर स्कूल व कालेज जाकर युवाओं के बीच सफलता के मंत्र बताएंगी. उनसे अनुभव साझा करेंगी ताकि सभी देश के लिए बेहतर योगदान कर सके. उन्होंने कहा कि अभी तक तो सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है. अभी भी कर्ज है जिसे तोड़ना मेरी प्राथमिकता है.
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