साल 2019, दिन 14 फरवरी, समय दोपहर के करीब पौने चार बजे..पूरा देश अपने काम में जुटा था तभी एक ऐसी खबर आती है जिसके बाद पूरे देश में सन्नाटा छा जाता है. देश में बीते साल 14 फरवरी को ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आ’तंकियों ने सुरक्षाबलों पर अब तक के सबसे बड़े आ’त्मघाती ह’मले को अंजाम दिया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 से ज्यादा जवान श’हीद हो गए थे.
बीते साल 14 फरवरी को देश का शौर्य, पराक्रम, गर्व हमारे देश के जवानों के साथ कुछ ऐसा घट जाएगा, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. इस हमले की खबर फैलते ही पूरा देश शोकाकुल हो गया था. इस ह’मले में बिहार के भी लाल शहीद हुए थे.
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ये हैं बिहार के वो 2 बेटे जिन्होंने देश की रक्षा के खातिर 14 फरवरी को अपनी बलिदानी दी
1. संजय कुमार सिन्हा
176 बटालियन
[ तरगना मठ, मशुरही, कशीदी, पटना, बिहार ]
शहीद संजय कुमार सिन्हा सीआरपीएफ के 176 बटालियन में पोस्टेड थे। वह बिहार के पटना जिले के रहने वाले थे। इस आतंकी हमले से पहले वह महीने भर की छुट्टी बिताकर 8 फरवरी को वापस ड्यूटी पर लौटे थे।
2. रतन कुमार ठाकुर
45 बटालियन
[ रतनपुर, मदरगंज, अंदानदा, भागलपुर, बिहार ]
सीआरपीएफ के 45 बटालियन में तैनात रतन कुमार ठाकुर ने हमले के कुछ ही देर पहले अपनी पत्नी से बात की थी। उन्होंने बातचीत में कहा था कि वह शाम तक श्रीनगर पहुंच जाएंगे। शहीद रतन ने साल 2011 में सीआरपीएफ ज्वाइन की थी।
क्या हुआ था
पुलवामा जिले के लीथोपोरा में सीआरपीएफ जवानों से भरी बस से वि’स्फोटक से भरी एक गाड़ी टकराती है, उसके बाद होता है एक भीषण ध’माका. ध’माके का काला धुआं हटा और सामने हमारे देश का अभिमान, हमारे जवानों के क्षत-विक्षत श’व धरती पर पड़े थे. स्वर्ग जैसी धरती लहू-लुहान हो चुकी थी. आ’त्मघाती ध’माके के बाद लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ(CRPF) की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी.
सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई में आ’तंकी भाग खड़े हुए. इस ह’मले में इस्तेमाल किया गया वि’स्फोटक इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज 10-12 किलोमीटर दूर, यहां तक कि पुलवामा से जुड़े श्रीनगर के कुछ इलाकों तक भी सुनी गयी.
तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर देख स्थानीय निवासियों का दिल दहल गया. ह’मला करने वाला पुलवामा का स्थानीय लड़का था. उम्र महज 20 साल, नाम आदिल अहमद डार. वो पाकिस्तान स्थित आ’तंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था. इस हमले की जिम्मेदारी भी इसी समूह ने ली थी.
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